मैं आदित्य कुमार त्रिपाठी उर्फ आदित्य कश्यप हड्डी फिल्म के निर्माता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा हूं हड्डी फिल्म के निर्माता अनंदिता स्टूडियो जिनके मालिक संजय शाहआ और राधिका नंदा है एवं जी स्टूडियो भी एक निर्माता है आनंदित स्टूडियो ने मेरे साथ मानसिक प्रताड़ना करी और मेरे नाम को खराब करने का पूर्ण प्रयास किया जिसके कारण मेरे परिवार को सामाजिक बदनामी और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा एक लंबे समय से मैं भी डिप्रेशन का शिकार रहा और मैं फिल्म इंडस्ट्री को अपने करियर को पूरी तरह से छोड़कर वृंदावन में रहने का निर्णय लिया और वहां पर ठाकुर जी की कृपा और संतों और गुरुओं के आश्रय लेने पर मेरा डिप्रेशन धीरे-धीरे दूर हुआ और मेरे अंदर आज इस लड़ाई को करने की हिम्मत प्रज्वलित हुई

मैंने अपनी एसोसिएशन से भी कई बार मदद की गुहार करी निर्माता और ज़ी स्टूडियो को भी बहुत बार ईमेल के द्वारा मेरा सैलरी मांगा परंतु ना ही एसोसिएशन ने हमारी कोई मदद करी और ना ही निर्माता एवं ज़ी स्टूडियो ने किसी भी प्रकार का उत्तर दिया ।

कल 7 सितंबर को फिल्म रिलीज हो रही है मेरे पास इतना धन नहीं है कि मैं किसी वकील को धन देकर के केस लड़ सकूं आज मैं आर्थिक रूप से बहुत परेशान हूं मेरा परिवार और मैं अत्यधिक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं तो मैं भगवान श्री कृष्ण के बताए हुए मार्ग पर कि अपने हक की लड़ाई व्यक्ति को करनी चाहिए उसके लिए अनिश्चितकाल तक में धरने पर बैठ रहा हूं जब तक कि मुझे न्याय नहीं मिलेगा

मैंने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत करी है जब मैं अनंदिता स्टूडियो को ज्वाइन किया था तब इस फिल्म में एक भी टेक्नीशियन एक्टर साइन नहीं था न ही फिल्म की कोई रूप रेखा ही तय थी फिल्म में मेरे जुड़ने के बाद ही सभी साइन किए गए और फिल्म का एक ढांचा तैयार हुआ फिल्म की शूटिंग में भी प्रोड्यूसर के द्वारा लोगों को पैसा नहीं दिया जाता था वहां पर वेंडर और कामगारों के पैरों में गिरकर के उनसे काम करने की विनती मैं रोज़ करता था और उनकी गालियां भी सुनता था कितनी बार होटल वालों ने पेमेंट न होने के कारण कामगारों को होटल में। या तो लॉक कर दिया या होटल में नही आने दिया कितनी ही बार कामगारों को खाना नही मिला फिल्म के पहले प्रोडक्शन डिजानियार और आर्ट डायरेक्टर निर्माताओं के खराब व्यवहार और समय पर पेमेंट न होने के कारण शूटिंग के एक सप्ताह के अंदर ही काम छोड़ कर चले गए।

और एक रात प्रोड्यूसर का रातों-रात वहां से भाग जाने के कारण वहां के लोगों ने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया वहां मैं दो दिन तक भूख प्यास और बीमार होटल के रिसेप्शन में सोता रहा क्योंकि होटल का और वहां के लोकल लाइन प्रोड्यूसर का वहां के लोकल बहुत सारे लोगों का लाखों रुपया बकाया था प्रोड्यूसर के भाग जाने के बाद लोगों ने मुझे वहां पर पकड़ लिया और फिल्म के निर्देशक सहित कुछ और लोगो को भी पकड़ लिया निर्देशक अपने कमरे में बंद रहे लेकिन मुझे एसोसिएट प्रोड्यूसर होने के नाते लोगों ने काफी प्रताड़ित किया निर्माता के द्वारा मिला धोखा और वहां पर मिली प्रताड़ना की वजह से मुझे बहुत ज्यादा मानसिक संताप हुआ जिस वजह से मैं काफी ज्यादा डिप्रेशन में चला गया और मैं आत्महत्या करने का प्रयास तक किया हृदय से भक्त और सच्चा होने के कारण से मैं आत्महत्या करने से तो बच गया लेकिन काफी ज्यादा डिप्रेशन में होने की वजह से मैं कुछ दिन के लिए एक प्रकार से अज्ञातवास (वृंदावन) चला गया मेरा परिवार मेरे मित्र सभी लोग मेरे लिए चिंता कर रहे थे और मानसिक तनाव का शिकार थे मेरा परिवार बहोत परेशान था

जब मैं सभी लोगों के संपर्क में आया तब मुझे पता चला कि मेरे ऊपर निर्माताओं ने यह इल्जाम लगाया है कि मैं करोड़ों रुपए लेकर के भाग गया जबकि वास्तविकता तो यह थी कि मेरे पास खाने तक के पैसे नहीं थे मेरे पास मात्र दो दिन या तीन दिन के लिए होटल के पैसे थे उसके बाद मैंने रातें कैसे और कहां गुजारी भोजन कैसे पाया यह मेरा हृदय ही जानता है

आज मैं अपनी इस लड़ाई को आगे ले जा रहा हूं क्योंकि जिन परिस्थितियों को मैंने और मेरे परिवार ने झेला है उसके बाद मैं निर्माताओं को अपने मेहनत की कमाई खाने नहीं दूंगा

पिछले 23 से 24 वर्षों में मैंने फिल्म इंडस्ट्री में बहुत काम किया और बहुत बार निर्माताओं ने मेरे पैसे नहीं दिए जो की फिल्म इंडस्ट्री की एक आम बात है फीरभी मैंने कभी भी किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करी क्योंकि मैं कई बार निर्माता की मजबूरी को भी समझता हूं कि उन्हें प्रोजेक्ट में नुकसान हो जाता है उस कंडीशन में यदि मैं इतना समर्थ हूं कि मैं उन्हें अपनी तरफ से कोई छूट दे सकता हूं तो मैं अवश्य देता हूं परंतु अनंदिता स्टूडियो के निर्माता को मैं किसी भी प्रकार की छूट नहीं देना चाहता क्योंकि इन्होंने मेरा शोषण किया है और इन्होंने मेरे विश्वास कर लेने वाले व्यवहार का नाजायज फायदा उठाया है मुझे दिन-रात गधे और खच्चरों की तरह काम करवाया है और बाद में भाग गए तो मेरी जो मेहनत का अधिकार है वह मैं लेकर के रहूंगा आज 6 सितंबर 2023 दोपहर 3:00 बजे से मैं अपनी इस अनिश्चितकाल धरना पर बैठने जा रहा हूं जी स्टूडियो के अंधेरी स्थित फन रिपब्लिक ऑफिस के बाहर यदि आप लोग मेरी इस बात से सहमत हैं तो कृपया मेरा साथ दें मैं वृंदावन से मुंबई सिर्फ अपनी सच्चाई की लड़ाई के लिए ही वापस आया हूं मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब मेरी सहायता करेंगे

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